Dhanteras 2021 : धनतेरस कब है ? जानिए क्यों खरीदते हैं सोना, चांदी, वर्तन
इस वर्ष के हिंदी पंचांग के अनुसार धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होता है इस बार धनतेरस 2 नवंबर को और दिवाली Diwali 4 नवंबर को मनाई जाएगी। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी और धन कुबेर के साथ देवी मां लक्ष्मी की पूजा होती है ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, भगवान धनवंतरी और धन कुबेर की उपासना करने से घर में धन की कमी नही होती।
धनतेरस के दिन वर्तन, स्वर्ण, चांदी आदि सामान खरीदनें की परंपरा है. कहा जाता है कि इस दिन नई चीज घर में लाना शुभकारी होता है। ऐसे लोगों को शुभ मुहूर्त में ही खरीददारी करनी चाहिए।
धनतेरस तिथि और शुभ मुहूर्त:-
2 नवंबर 2021 दिन मंगलवार को धनतेरस है इस दिन प्रदोष काल शाम 5 : 37 से रात 8: 11 बजे तक है वहीं वृषभ काल शाम 6.18 से रात 8.14 तक रहेगा। ऐसे में धनतेरस पर पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6.18 बजे से रात 8.11 बजे तक रहेगा.
धनतेरस के पूजा की विधि:
पूजा के समय घर की उत्तर तरफ धनवंतरी और कुबेर की प्रतिमा स्थापित करें उनके सामने एक–एक दीपक जलाएं अगर घी है तो घी का दीपक जलाएं और अब धूप दीप से उनकी आरती करें और भगवान धनवंतरी को पीली मिठाई और कुबेर को सफेद मिठाई अर्पित करें। पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें. इसके बाद "धनवंतरि स्तोत्र" का पाठ करें. अंत में आरती करें .अब गलती की क्षमा मांगते हुए हाथ जोड़कर प्रणाम कर लें।
धनतेरस पर सोना चांदी बर्तन क्यों खरीदते हैं:-
मान्यता है कि धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरि सोने का कलश लेकर उत्पन्न हुए थे।धनवंतरि के उत्पन्न होने के 2 दिन बाद समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं इसलिए दीपावली से 2 दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है और इसलिए इस दिन सोना या फिर बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।
कहीं-कहीं लोकमतानुसार कहा जाता है कि इस दिन बर्तन, चांदी की वस्तु आदि की खरीदारी करने से उसमें तेरह गुना वृद्धि होती है। इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं।
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